स्कूल की दीवारें भी पढ़ा रहीं शिक्षा का पाठ

ऑपरेशन कायाकल्प के बाद प्राथमिक स्कूलों की बदली काया

सिकंदरपुर,बलिया। तहसील क्षेत्र में स्थित टाउन प्राथमिक विद्यालय सिकंदरपुर न. 2 पूरे क्षेत्र में अपनी खूबसूरती के लिए जाना जाता है। यह स्कूल बडढ़ा दरगाह मैदान में स्थित है। लेकिन इसकी खूबसूरती इसे दूसरे स्कूलों से अलग बनाती है। वही विद्यालय के प्रधानाध्यापक सुशील कुमार से पूछने पर बताया कि सरकार के 'ऑपरेशन कायाकल्प' योजना के तहत मिली राशि के सदुपयोग से यह बदलाव संभव हो पाया है जिससे यह स्कूल क्षेत्र में बेहतर बना है।
कहा की कायाकल्प योजना के तहत स्कूल की दशा-दिशा सुधारनी थी। हमने सोचा कि क्यों न विद्यालय में ऐसी पेंटिंग करवाई जाए जिससे वह सुंदर भी दिखे और ग्रामीण पृष्ठभूमि के विद्यार्थियों की पढ़ाई में मदद भी हो सके।
हमने स्कूल की दीवारों को वर्णमाला, अंग्रेजी के अल्फाबेट, गिनती-पहाड़े लिखकर पेंटिंग करवाई। दीवारों पर सौर परिवार,भारत के राष्ट्रीय प्रतीक जैसे राष्ट्रीय पक्षी मोर, राष्ट्रीय पशु शेर और राष्ट्रीय फूल कमल के चित्र बनाए गए। ताकि बच्चे सामान्य ज्ञान के इन सवालों को आसानी से सीख सकें।

बताया कि विजुअल्स से कोई भी चीज आसानी से सीखी जा सकती है। हम कोशिश करते हैं कि बच्चे देखकर कुछ अच्छा सीख सकें।
विद्यालय के सुंदरीकरण से ना सिर्फ शिक्षा के स्तर में सुधार हुआ है बल्कि अभिभावक भी आकर्षित हुए हैं। इससे स्कूल में बच्चों की पंजीकरण संख्या में भी काफी इजाफा हुआ है। अंत में उन्होंने बताया कि विद्यालय के शिक्षक बच्चों में खेलों के प्रति भी रूझान बढ़ाने की कोशिश करते हैं।
विद्यालय के छोटे से प्रांगण में मिड डे मील के बाद बच्चे रस्सी कूद, बैडमिंटन और फुटबॉल खेलते हैं। खेलों के लिए जरूरी सामान मसलन- बैडमिंटन, फुटबॉल और वॉलीबाल विद्यालय में उपलब्ध है। प्राइवेट स्कूलों की तर्ज पर एक शिक्षक-अभिभावक संघ भी बनाया गया है।
यह संघ हर महीने 'पैरंट्स-टीचर मीटिंग' भी करता है,जिसमें अभिभावकों के शिकायतों और सुझावों को स्थान दिया जाता है। इस दौरान शिक्षकगण में मुख्य रूप से मो. इरशाद अहमद, रिफअत आरा, शाइस्ता फ़िरदौस, कुदसिया बानो, सत्यम चौधरी, शाहिद अली आदि मौजूद रहें

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