पटाखे जलाते समय या आतिशबाजी करते समय रखें इन बातों का ख्याल-डॉ आशुतोष गुप्ता

सिकंदरपुर बलिया (विनोद कुमार)।दीपावली का त्योहार कई मामलों में खास है। आपसी मेलजोल को बढ़ाने से लेकर मिठाइयां, रोशनी, सजावट और उत्साह इस उत्सव को विशेष रूप देते हैं। इसके अलावा जो चीजें इस पर्व को आनंददायी बनाती हैं वह हैं- पटाखे और रोशनी। हालांकि पटाखों को जलाते समय विशेष सावधानी और सतर्कता बरतने की आवश्यकता होती है। इस दौरान बरती गई लापरवाही के कारण हर साल दुर्घटनाओं के मामले सामने आते रहे हैं। पटाखों को असावधानी से जलाने के कारण चोट लगने-जलने का खतरा हो सकता है। विशेषकर छोटे बच्चों में इसका जोखिम अधिक देखा जाता रहा है। उक्त बातें सिकंदरपुर के समाजसेवी डॉ आशुतोष गुप्ता ने दीपावली पर्व पर कही साथ ही साथ उन्होंने पटाखा जलाते समय निम्न सावधानी बरतने की भी बात कही।पटाखे जलाते समय दुपट्टा और साड़ी का पल्लू का ध्यान रखे।किसी भी ज्वलनशील पदार्थ से पटाखे दूर रखे जैसे दिया, मोमबत्ती या रसोईघर के पास।पटाखे जलाते समय हमेशा जूते या चप्पल पहनकर जलाए।एक समय पर एक ही व्यक्ति पटाखा जलाए।पटाखे जेब में रख कर न घूमे।पटाखे जलाते समय या आतिशबाजी करते वक़्त हमेशा पास मे पानी कि व्यवस्था रखे।हमेशा पटाखे खुली जगह पर और किसी को बाधा न पहुचे ऐसे स्थान पर जलाए।हमेशा अच्छी कंपनी के पटाखे खरीदे और उन्हें इस्तेमाल करने का तरीका सिख ले।पटाखे जलाते समय पटाखे से दुरी बनाए रखे। पटाखे के ऊपर झुक कर पटाखा न जलाए।पटाखे जलाने के लिए लंबी अगरबत्ती या फुलझड़ी का इस्तेमाल करे।अगर पटाखा नहीं फूटता है तो तुरंत पटाखे के पास न जाए।

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